top of page

Memorandum of understanding MCD in Hindi (समझौता ज्ञापन)

Updated: Dec 4, 2021




समझौता ज्ञापन

समझोता ज्ञापन का यह दस्तावेज आज दिनाक xx/xx/xxxx को श्रीमती….., पुत्री श्री , निवासी …….. ।

श्री ……., पुत्र श्री…..., निवासी …….. के मध्य करार किया गया व निष्पादित किया गया।


दस्तावेज में अब के बाद श्रीमती …..व उनकी तरफ से किसी भी प्रतिनिधि को पक्षकार संख्या- 1 व श्री…….. व उनके प्रतिनिधि को पक्षकार संख्या- 2के नाम द्वारा संबोधित किया जाएगा।


यह कि उपरोक्त दोनों पक्षकारों के मध्य विवाह दिनांक xx/xx/xxxxको हिन्दू रीती रिवाजों से place & address में हुआ।दोनों पक्षकार xxxx धर्म से ताल्लुक रखते हैं।विवाह के पश्चात दोनों पक्षकार पति पत्नी के रूप मेंaddressस्तिथ निवास पर xxxxxदिन रहे।


यह कि विवाह के परिणामस्वरूप दोनों पक्षकारों के कोई संतान नहीं है।


यह कि विवाह के पश्चात दोनों पक्षकारों के विचारों में विभेद होने के कारण दोनों के लिए विवाह चलाना मुश्किल हो गया। xxxxxxके अंतिम सप्ताह से दोनों पक्षकार अपने पैतृक निवासों पर रह रहे हैं व दोनों पक्षकारों के मध्य अब शादी निभाने की व पति पत्नी के रूप में रहने की कोई इच्छा शेष नहीं है।


भविष्य में दोनों पक्षकारों के पति पत्नी के रूप में रहने की कोई इच्छा व संवाभना नहीं है।


अत:दोनों पक्षकारों ने अब यह निर्णय ले लिया है कि विवाह को आपसी सहमती से विच्छेद कर दिया दिया जाए।यह निर्णय बिना किसी भय,दवाब व धोखे के व पूरे होशो हवास में स्वतंत्र रूप सेलिया गया है।दोनों पक्षकारों के आपसी सहमती से विवाह विच्छेद सेनिर्णय की नियम व शर्तें निम्न हैं:


  1. यह कि दोनों पक्षकार आपसी सहमती से माननीय कुटुंब न्यायालय xxxxx के समक्ष हिन्दू विवाह अधिनियम के सेक्सन 13ख के तहत विवाह को विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने के लिएप्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर रहे हैं।

  2. यह कि दोनों पक्षकार अपने विवेकानुसार एक दुसरे की सहायता करेंगे व आपसी सहमती से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने के लिए जब आवश्यकता होगी तबसम्बंधित माननीय न्यायालय में उपस्थित होंगे व आवश्यक बयान दर्ज करवाएंगे।

  3. यह कि दोनों पक्षकारों के मध्य अब उपहार, गहने, बर्तन /सामान इत्यादि व स्त्रीधन को लेकर कोई विवाद शेष नहीं बचा है।समस्त विवाद आपसी सहमती से सुलझा लिए गए हैं।

  4. यह कि दोनों पक्षकारों के मध्य यह आपसी सहमती से तय हुआ है कि पक्षकार संख्या- 1ने पक्षकार - 2के विरुद्धअपनी स्वय के इच्छानुसार अपने भूतकाल, वर्तमान व भविष्य का गुजाराभत्ता, निर्वाह-निधि, स्त्रीधन, उपहार व मुआवजाका त्याग कर दिया है व पक्षकार संख्या-1भविष्य में कोई भी कानूनी दावा मुआवजे के लिए पक्षकार संख्या- 2के विरुद्ध नहीं करेगी।

  5. यह कि दोनों पक्षकार हष्ट पुष्ट ,कार्य करने वाले व आत्म निर्भरव्यक्ति हैं, इसी कारण दोनों ने एक दुसरे से कोई गुजाराभत्ता वर्तमान में नहीं लिया है और न ही दोनों भविष्य में एक-दुसरे के ऊपर गुजारेभत्ते का दावा करेंगे|पक्षकार संख्या- 1यह कथन करती है कि पक्षकार संख्या- 2ने उसके प्रति सभी वित्तीय कर्तव्य निभाये हैं व सभी देनदारियां पूरी कर दी हैं व आज की तारीख पर व विवाह विच्छेद होने के बाद भी कोई वित्तीय कर्तव्य व देनदारी शेष नहीं बची है।विवाह विच्छेद की डिक्री मिलने के बाद दोनों पक्षकार विवाह के लिए स्वतंत्र रहेंगे व यदि कोई पक्षकार विवाह नहीं करता है तो इस आधार पर किसी भी पक्षकार परगुजारा भत्ता का दावा नहीं करेगा, यदि कोई भी पक्षकार ऐसा करता है यह इस समझोता ज्ञापन का उन्न्लंघन माना जाएगा।

  6. यह कि दोनों पक्षकार भविष्य में एक दुसरे के विरुद्ध किसी भी प्रकार कादावा नहीं करेंगे, साथ ही दोनों पक्षकार विवाह विच्छेद के बाद एकदूसरे के परिवार जनों के चल-अचल संपत्तियों पर कोई कानूनी दावा नहीं करेंगे।

  7. यह कि पक्षकार संख्या- 1स्वतंत्र रूप से पक्षकार संख्या - 2के विरुद्ध किये गए सभी आपराधिक व दीवानी मुकदमे आजकी तारीख से तीन महीने के भीतर वापस ले लेगी।पक्षकार संख्या- 1सभी लंबित मुकदमों के निस्तारण में सहयोग करेगी व जरुरत पड़ने पर अपने बयान के लिएमाननीय न्यायालय के समक्ष उपस्थित होगी व नीचे लिखे हुए मुकदमों के निस्तारण के पश्चात सभी मुकदमों के निस्तारण के आदेशों की सत्यापित प्रतिलिपियाँ माननीय कुटुंब न्यायालय, xxxxxx में आपसी सहमती से विवाह विच्छेद की डिक्री प्राप्त करने के लिए जमा कराएगी।यह समझोता ज्ञापन मुकदमों को समाप्त करने का आधार बनेगा।

  8. यह कि उपरोक्त मुकदमे पक्षकार संख्या- 1द्वारा एक के बाद एक वापस लिए जायेंगे क्यों कि दोनों पक्षकारों के मध्य आपसी सहमती से सभी विवादों का निपटारा कर लिया गया है।

  9. यह कि दोनों पक्षकारों द्वारा कोई अन्य शिकायत/मुकदमे इस समझोता ज्ञापन की तारीख से वापस लिए हुए माने जायेंगे।

  10. यह कि दोनों पक्षकार इस बात पर सहमत हैं कि वह भविष्य में एक दूसरे के ऊपर कोई मुकदमा नहीं करेंगे।यह बात दोनों पक्षकारों के मातापिता व संरक्षकों की उपस्थिति में तय हुई है।यह तह हुआ है कि वर्तमान के कानून व भविष्य में संसद द्वारा या माननीय न्यायालयों द्वारा बनाए गए कानूनों के आधार पर दोनों पक्षकार एक दूसरे के ऊपर कोई भी कानूनी/दीवानी मुकदमा माननीय न्यायालय या किसी प्राधिकरण में नहीं करेंगे।दोनों पक्षकार यह स्वीकार करते हैं कि दोनों के मध्य इस प्रार्थना पत्र में बताये मुकदमों के अलावा कोई अन्य शिकायत/प्रार्थना पत्र/दीवानी परिवाद/प्रथम सूचना रिपोर्ट लंबित नहीं है और यदि कोई लंबित है तो वह इस समझोता ज्ञापन के आधार पर शून्य मानी जायेगी।दोनों पक्षकार व उनके परिवारगण भविष्य में एक दुसरे के ऊपर कोई प्रतिरोधी कार्यवाही नहीं करेंगे और न ही एक दुसरे के व्यक्तिगत व व्यवसायी सम्बन्धी मामलों में किसी भी प्रकार का दखल नहीं करेंगे।

  11. यह कि इस समझोता ज्ञापन के नियम व शर्तें दोनों पक्षकारों के ऊपर भविष्य में बदलने वाले कानून से प्रभावित नहीं होंगे। दोनों पक्षकार भविष्य में इस समझौता ज्ञापन के नियम व शर्तों के दायरे में रहकर काम करेंगे।

  12. दोनों पक्षकार इस समझौता ज्ञापन द्वारा अपने विवादों को सुलझा चुके हैं।दोनों पक्षकार एक दुसरे के विरुद्ध व एक दुसरे के परिवारजनों के विरुद्ध भविष्य में पति-पत्नी के अधिकारों के तहत कोई मुकदमा नहीं करेंगे।

  13. यह कि आपसी सहमती से विवाह विच्छेद का प्रार्थना पत्र दोनों पक्षकारों के मध्य लंबित मुकदमों के निस्तारण होने से पहले प्रभाव में नहीं आएगा। आपसी सहमती से विवाह विच्छेद का प्रार्थना पत्र दोनों पक्षकारों के मध्य लंबित मुकदमों के निस्तारण होने के बाद ही मान्य होगा व प्रभाव में आएगा।दोनों पक्षकार उपरोक्त शर्तों पर संतुष्ठ रहेंगे व भविष्य में कोई दावा नहीं करेंगे व यह समझौता ज्ञापन आज से दोनों पक्षकारों के मध्य मान्य रहेगा।कोई भी पक्षकार इस समझौते की शर्तों का उन्न्लंघन करेगी उसके खिलाफ दूसरा पक्षकार कानूनी कार्यवाही के लिए स्वतंत्र रहेगा।

  14. यह कि यह समझौता दोनों पक्षकारों की स्वयं की इच्छा से, दोनों की आपसी सहमती से बिना किसी डर, दवाब, छल, प्रभाव के दोनों पक्षकारों ,उनके परिवारजनों, गवाहोंकी उपस्तिथि में किया गया है।

  15. यह कि इस समझौता ज्ञापन की दो प्रतियाँ मूल रूप में तैयार की गयीं हैं ताकि दोनों पक्षकार एक एक प्रति अपने पास रख सकें।

  16. यदि दोनों पक्षकारों में से कोई भी पक्षकार समझौते की शर्तों का उन्न्लंघन करता है तो दूसरा पक्षकार उन्न्लंघन करने वाले पक्षकार पर इस समझौता ज्ञापन को लागू करनेके लिए कानूनी रूप से स्वतंत्र होगा।

यह समझौते का दस्तावेज आज दिनांक xx/xx. /Xxxx को निम्न गवाहों की उपस्तिथि में संपादित किया गया।

(मेरी उपस्तिथि में हस्ताक्षरित किया गया

व मोहर लगाकर कर दिया गया )

गवाह पक्षकार संख्या-1

1.

श्रीमती

2. पक्षकार संख्या-2

श्री

3.

4.

0 comments

Talk to our volunteer on our #Helpline

8882-498-498

Single Helpline Number For Men In Distress In India

Join our mailing list!  Stay up-to-date on upcoming projects, offers & events.

Thanks for subscribing! Welcome to Daaman!

  • Follow Daaman on Facebook
  • Follow Daaman on Twitter

©2018-2020 Daaman Welfare Society & Trust.

All rights reserved.

Beware, anyone can be a victim of gender bias in society and laws! 

Don't wait: Schedule a conversation with a trusted, experienced Men's Rights Activist to find out how only awareness is the key to fight and remove prevailing gender bias against men in society.
bottom of page