Sample application format to avoid crumbling under the pressure for compromise and fight for justice
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माननीय अतिरिक्त पारिवारिक न्यायालय, मथुरा
वाद संख्या: ____/2013
______________ बनाम ______________
अंतर्गत धारा: 13 हिन्दू विवाह अधिनियम
महोदय,
यह कि प्रार्थी का उपरोक्त वाद साक्षी से जिरह के लिए नियत है।
यह कि कुछ समय से विपक्षी सुलह कर मुक़दमे समाप्त करने के लिए प्रस्ताव दे रही है, जिससे प्रभावित हो माननीय न्यायालय ने भी विगत कुछ तारीखों पर प्रार्थी को सुलह के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसके उपरान्त प्रार्थी ने भी अपनी सहमती दे दी थी।
यह कि दीपावली पर्व के दौरान प्रार्थी ने सुलह के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार किया।
यह कि सुलह के प्रस्ताव पर विचार करने पर प्रार्थी को महसूस हुआ कि विपक्षी ने जब उचित समझा तब प्रार्थी व उसके परिवार पर झूठे मुक़दमे कर दिए, तभी से प्रार्थी की बढ़ोतरी रुक गई और जीवन मुकदमों की पैरवी करने में ही सिमट कर रह गया; अब विपक्षी सुलह कर मुकदमें समाप्त करना चाहती है, माननीय न्यायालय की ओर से भी सुलह के लिए प्रोत्साहन है, प्रार्थी से अपेक्षा है की वो अब सुलह कर ले ताकि विपक्षी मन मुताबिक़ आगे जीवन यापन कर सके।
यह कि प्रार्थी को अहसास होने लगा है कि जैसे प्रार्थी एक अस्तित्वहीन व्यक्ति है। इसके कोई मानवाधिकार नहीं है, इसे व इसके परिवार को जैसे सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने का भी अधिकार नहीं है।
यह कि प्रार्थी यह सोच-सोच कर कि मुकदमें तो समाप्त हो जाएंगे, पर प्रार्थी व उसके परिवार पर लगे झूठे आरोप निरंतर बने रहेंगे, ख़ुद को अवसाद की ओर बढ़ते महसूस कर रहा है।
यह कि प्रार्थी खूब सोच-समझ कर इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि पहले प्रार्थी अपने व अपने परिवार के ऊपर लगे झूठे आरोपों को बेबुनियाद प्रमाणित कर, दोष मुक्त होकर, अपने स्वाभिमान और परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा की रक्षा करने के उपरान्त ही सुलह करेगा।
प्रार्थना
अत: माननीय न्यायालय से प्रार्थना है कि उपरोक्त वाद में विपक्षी के सुलह के प्रस्ताव को न्यायहित में खारिज कर वाद की अगली कार्यवाही करने की कृपा करें।
प्रार्थी
दिनांक: __/__/2019