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Writer's pictureAnupam Dubey

पत्‍नी से परेशान पतियों ने वाराणसी में किया विवाह संबंधों का अंतिम संस्‍कार - नव भारत टाइम्स


पत्‍नी से परेशान पतियों ने वाराणसी में किया विवाह संबंधों का अंतिम संस्‍कार

पत्नियों के आतंक से परेशान देशभर के पुरुष सोमवार को वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर इकट्ठा हुए। उन्‍होंने अपनी पीड़ा को जाहिर करने और समाज का ध्‍यान पुरुषों के अधिकारों की तरफ खींचने के लिए अनोखा तरीका निकाला। मणिकर्णिका घाट पर महाश्‍मशान के बीच इन लोगों ने अपने विवाह संबंधों का अंतिम संस्‍कार कर दिया।

सेव इंडियन फैमिली और दामन वेलफेयर सोसायटी संस्‍था के कार्यकर्ताओं ने दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर महिलावाद की आलोचना की और पुरुषों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की। इन कार्यकर्ताओं ने महाश्‍मशान में जलती चिताओं के बीच इन लोगों ने अपने विवाह संबंधों का अंतिम संस्‍कार कर दिया। इसके बाद उन्‍होंने गंगा स्‍नान किया और पिंडदान किया।

कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे 300 लोग

इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लेने के लिए 20 राज्‍यों से करीब 300 कार्यकर्ता वाराणसी पहुंचे। संस्‍था के मुताबिक देशभर में करीब 10 हजार लोग उनके साथ जुड़े हुए हैं। आयोजकों ने बताया कि काशी मोक्षनगरी है और इसलिए मणिकर्णिका घाट पर उन्‍होंने महिलावाद का पिंडदान किया है। उन्‍होंने देशभर के पुरुषों से अपने अधिकारों के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। संस्‍था के मुताबिक पुरुषों के खिलाफ सबसे ज्‍यादा झूठे मामले मध्‍य प्रदेश में दर्ज किए जाते हैं। इसके बाद यूपी, पश्चिम बंगाल, महाराष्‍ट्र, दिल्‍ली और तमिनाडु का नंबर है। उन्‍होंने बताया कि उनके साथ परमाणु वैज्ञानिक, डीआरडीओ के वैज्ञानिक, डॉक्‍टर, वकील और सीए भी जुड़े हुए हैं। यही नहीं करीब दो लाख लोग हेल्‍पलाइन के माध्‍यम से उनसे सलाह लेते हैं।

यूं बयां किया दिल का दर्द

पिंडदान करने वालों ने कहा कि पुरुषों के खिलाफ दहेज, यौन उत्‍पीड़न जैसे फर्जी मामले दर्ज कराकर उन्‍हें फंसाया जाता है। पुलिस सरकार केवल महिलाओं का पक्ष लेती है। उन्‍होंने मांग की कि देश में ऐसा कानून बनना चाहिए जिससे पुरुषों के अधिकारों का संरक्षण हो। इन पत्‍नी पीड़‍ित पुरुषों का पिंडदान इलाके में चर्चा का विषय बना रहा।

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