top of page
Writer's pictureAnupam Dubey

शारीरिक संबंध के लिए एक-दूसरे के लिए ‘ना’ कह सकते हैं पति-पत्नी: दिल्ली HC


 

क्या कोई बता सकता है कि पति अगर शारीरिक संबंध बनाने को मना करना चाहे तो कैसे कर सकता है?

घरेलू हिंसा अधिनियम केवल महिलाओं के लिए है। 498-ए केवल महिलाओं के लिए है। 377 केवल महिलाओं के लिए है। 354 केवल महिलाओं के लिए है। 376-बी केवल महिलाओं के लिए है।

क्या कोई ऐसा कानून है जो पति के ऊपर होने वाली हिंसा के खिलाफ पति की रक्षा करता हो?

पति द्वारा शारीरिक संबंध बनाने से मना करना भी पत्नी के प्रति क्रूरता के रूप में लिया जाता है।

पति चाहे तो कैसे मना कर सकता है?

 
शारीरिक संबंध के लिए एक-दूसरे के लिए ‘ना’ कह सकते हैं पति-पत्नी: दिल्ली HC

वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में रखने की मांग को लेकर दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि शादी का मतलब यह कतई नहीं है कि महिला अपने पति को हमेशा शारीरिक संबंध बनाने की सहमति दे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ ने कहा कि वैवाहिक रिश्ते में शारीरिक संबंध बनाने के लिए पति-पत्नी के पास एक-दूसरे को न कहने का अधिकार है। मामले में अगली सुनवाई आठ अगस्त को होगी। मुख्य पीठ ने वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध की श्रेणी में रखने की मांग का विरोध कर रहे गैर सरकारी संगठन मैन वेलफेयर ट्रस्ट के तर्क से भी असहमति जताई।

एनजीओ के अमित लखानी व ऋत्विक बिसारिया ने कहा कि महिलाओं को पहले से ही आइपीसी की धाराओं में दुष्कर्म व घरेलू ¨हसा समेत अन्य कानून के तहत अलग-अलग अधिकार प्राप्त हैं। इस पर पीठ ने कहा कि अगर महिलाओं को सभी अधिकार प्राप्त हैं तो फिर भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 375 में यह छूट क्यों दी गई है कि पत्‍‌नी के साथ शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं है। पीठ ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्‍‌नी को यह कहे कि अगर वह उसके साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाएगी तो वह उसका तथा बच्चों का खर्चा नहीं देगा तो डर और दबाव में महिला शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर होगी। पीठ ने पूछा कि अगर वह दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराती है तो क्या होगा। ज्ञात हो कि आरटीआइ फाउंडेशन व ऑल इंडिया डोमेस्टिक वूमेन्स एसोसिएशन नामक एनजीओ द्वारा दायर याचिका का मैन वेलफेयर ट्रस्ट विरोध कर रहा है। दोनों एनजीओ ने आइपीसी की धारा 375 को चुनौती देते हुए वैवाहिक दुष्कर्म को अपराध घोषित करने की मांग उठाई है।

Source, here.

0 comments

Related Posts

See All
bottom of page