प्रेम में रोड़ा व नौकरी का लाभ पाने को रची थी पत्नी ने प्रेमी के साथ हत्या की साजिश -गिरफ्तार अभियुक्तों में औरैया निवासी सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर का बेटा व सिलाई कारीगर थे शामिल कानपुर, 07 जुलाई (हि.स.)।
उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के सजेती थाना परिसर में बीते दिनों हुई दरोगा की नृशंस हत्याकांड का पुलिस ने शनिवार को खुलासा कर दिया। पुलिस ने हत्या में दरोगा की दूसरी पत्नी के साथ उसके प्रेमी रोडवेज बस चालक, सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर पुत्र समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में प्रेम में बाधा बनने पर पत्नी ने प्रेमी संग पति की हत्या व नौकरी पाने के इरादे से किये जाने का पता चला है। सजेती थाना में तैनात दरोगा पच्चा लाल गौतम (58) की बीती दो जुलाई को उनके थाना परिसर में बने आवासीय कमरे में हत्या कर दी गई थी। घटना की जानकारी पुलिस को एक दिन बाद तीन जुलाई को देर रात हुई। हत्यारों ने चाकू से गोद कर बड़ी ही बेरहमी से दरोगा का कत्ल किया था। यही नहीं मौत को फांसी का रूप दिये जाने का भी प्रयास किया गया, लेकिन थाना परिसर होने के चलते व पकड़े जाने के भय से हत्यारे भाग निकले। हत्यारों की क्रूरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतक दरोगा के शरीर पर 19 बार चाकू से वार किये जाने की पुष्टि हुई थी। थाना परिसर के भीतर दरोगा की हत्या ने जिले ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिये। इस घटना की जानकारी मिलते ही आईजी आलोक सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अखिलेश कुमार, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण प्रद्युमन सिंह समेत फारेंसिक टीम पहुंची और साक्ष्य जुटाये गये। दरोगा हत्या को चुनौती के रूप में लेते हुए पुलिस अधीक्षक क्राइम राजेश यादव के नेतृत्व में पुलिस की तीन टीमों को खुलासे के लिए लगाया गया। गहन पड़ताल के बाद शनिवार को पुलिस ने दरोगा हत्याकांड का खुलासा कर दिया।
प्रेम में रोड़ा बनने पर की गई हत्या पुलिस लाइन में एसएसपी ने दरोगा हत्याकांड का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि दरोगा की हत्या उसकी दूसरी पत्नी किरन देवी ने प्रेम में रोड़ा बनने पर अंजाम दी गई। जांच में सामने आया कि मृतक दरोगा के हरदोई में तैनाती के दौरान 2003 में महिला से नजदीकियां बनी और दोनों ने शादी कर ली। मौजूदा समय में वह जनपद के महिला नवाबगंज इलाके में रह रही थी। मृतक दरोगा के रोडवेज विभाग में कार्यरत बस चालक जितेन्द्र यादव उर्फ महेन्द्र से दोस्ती थी और उसका उनके घर पर आना-जाना था। इस दौरान रोडवेज बस चालक के दरोगा पत्नी से प्रेम सम्बंध हो गये। इस बात की भनक लगने पर दरोगा और पत्नी के बीच विवाद होता था। प्रेम में रोड़ा बनने पर पत्नी ने प्रेमी बस चालक के साथ मिलकर पति को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। योजना का उद्देश्य दरोगा पच्चा लाल से छुटकारा पाने के साथ ही उसकी पेंशन और बेटे को नौकरी मिलने का भी लालच था। योजना के तहत बस चालक जितेन्द्र ने औरैया के रहने वाले सिलाई का काम करने वाले निजाम अली से संपर्क किया। उसने जितेंद्र का सम्पर्क सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर के बेटे राघवेंद्र उर्फ मुन्ना से कराया। तीनों ने महिला के साथ मिलकर घटना से पूर्व वारदात को अंजाम देने के लिए कई बार सजेती थाने गये और दरोगा से मिलकर थाना परिसर के हालातों को जायजा लिया। एसएसपी ने बताया कि योजना को अंजाम देने दो जुलाई जितेंद्र, राघवेंद्र को लेकर सजेती पहुंचा। तीनों ने जमकर शराब पी और दरोगा के नशे में होने पर दोनों ने चाकू से निर्मम हत्या कर दी। वारदात के बाद प्रेमी जितेन्द्र ने किरन को काम पूरा होने की बात बताई और फरार हो गये। जांच में वारदात के दौरान हत्यारों को खून से सना पंजे के निशान दीवार पर लग गए। जो वारदात के खुलासे में अहम सुराग साबित हुआ। पुलिस ने मोबाइल की कॉल रिकार्ड व लोकेशन को ट्रेस करते हुए इस घटना में शामिल सभी लोगों को गिरफ्तार कर साक्ष्यों के आधार पर मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेजा जा रहा है। एसएसपी ने घटना का खुलासा करने वाली टीम में शामिल इंस्पेक्टर रेलबाजार मनोज कुमार रघुवंशी, इंस्पेक्टर घाटमपुर दिलीप कुमार बिंद और उनकी टीम को 25 हजार के पुरस्कार दिये जाने की घोषण की। मृतक आश्रित लाभ मिलने में अड़चनें पुलिस का कहना है कि हत्याकांड के खुलासे के बाद हत्यारे जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गए। वहीं कत्ल से होने वाला फायदा किसी को नहीं मिला। दरोगा की दूसरी पत्नी किरन और उसके प्रेमी जितेन्द्र की प्रेम कहानी अब जेल से बाहर आने के बाद पूरी होगी। इसके अलावा भाड़े के हत्यारे के रूप में वारदात में शामिल हुए राघवेन्द्र व निजाम अली के हिस्से में भी जेल की सलाखें आयीं। अवैध सम्बंधों में की हत्या से मृतक पच्चा लाल की पहली पत्नी समेत बच्चों का भविष्य दांव पर लग गया है।
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